.सार्थक भावनात्मक अभिव्यक्ति . .आभार अक्षय तृतीया की शुभकामनायें!.अख़बारों के अड्डे ही ये अश्लील हो गए हैं .
बहुत सही कहा .पर सही बात सुननेवाले होते तो आज नौबत यहाँ तक नहीं आती !
.सार्थक भावनात्मक अभिव्यक्ति . .आभार अक्षय तृतीया की शुभकामनायें!.अख़बारों के अड्डे ही ये अश्लील हो गए हैं .
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